ईश्वर कभी अपने भक्तों में भेदभाव नहीं करते.



कहते हैं जो सच्चे मन से हनुमान जी के पूजा करता है उसे
परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.


शास्त्रों के अनुसार पुरुष और महिलाएं दोनों ही हनुमान
जी की पूजा कर सकते हैं लेकिन दोनों के लिए नियम अलग है.


महिलाएं पूजा करते समय हनुमान जी की प्रतिमा को
स्पर्श न करें.


हनुमान जी ब्रह्मचारी थे इसलिए स्त्रियों को उनकी मूर्ति
को नहीं छूना चाहिए.


पौराणिक मान्यता के अनुसार हनुमान स्त्रियों को अपनी
मां के समान मानते हैं.


इसलिए स्त्रियों को बजरंगबली के सामने दंडवत होकर प्रणाम
नहीं करना चाहिए.


स्त्रियां अपनी भक्ति जाहिर करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ
कर सकती है.