अघोरी, हिंदू धर्म के एक अनोखे और चरम रूप का पालन करने वाले तपस्वी शैव साधुओं का एक संप्रदाय है.



अघोरी, तंत्र साधना में लीन रहते हैं और श्मशान में रहकर विचित्र अनुष्ठान करते हैं.



अघोरी शब्द का संस्कृत में अर्थ है, 'उजाले की ओर' या 'सरल'.



अघोरी, श्मशान में रहते हैं और अपने शरीर पर राख लगाते हैं.



वे कपाल और आभूषण बनाने के लिए मानव शवों की हड्डियों का इस्तेमाल करते हैं.



वे किसी से नफ़रत नहीं करते और न ही किसी चीज़ को खारिज करते.



अघोरी, शिवजी के अघोरनाथ रूप की उपासना करते हैं.



अघोरी बाबा भैरवनाथ को भी अपना आराध्य मानते हैं.



अघोरी सबके कल्याण की कामना करते हैं.