जैन धर्म का संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है,
जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे.


महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं.



6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में जब भगवान महावीर ने जैन
धर्म का प्रचार किया तब यह धर्म प्रमुखता से सामने आया.


जैन शब्द ‘जिन’ शब्द से बना है, जि का अर्थ जीतना है.
वहीं जिन अर्थात जीतने वाला.


जिसने स्वंय को जीत लिया उसे जितेंद्रिय कहते हैं.



जैन धर्म दो भागों में विभाजित है- श्वेतांबर जो सफेद कपड़े
पहनते हैं और दिगंबर जो नग्नावस्था में रहते हैं.


जैन धर्म अहिंसा के माध्यम से मुक्ति का मार्ग एवं आध्यात्मिक
शुद्धता और आत्मज्ञान का मार्ग सिखाता है.


जैन धर्म के 5 सिद्धांत हैं- अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह,
ब्रह्मचर्य.