काल भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव से हुई है.
ये महादेव का उग्र स्वरूप है.


काल भैरव जयंती पर इनकी पूजा विशेष महत्व रखती है.
इस साल काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 को है.


काल भैरव की जिस पर कृपा होती है उन्हें शत्रु, दोष, रोग
कभी परेशान नहीं करते. समस्याओं का अंत होता है.


काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग
इमरती, मीठी पुए, जलेबी, खीर आदि अर्पित करें.


इसके अलावा भैरवनाथ को पान में सुपारी, लौंग, इलायची
रखकर भी भोग में चढ़ाया जाता है.


कई जगहों को काल भैरव को भोग के रूप में मदीरा भी
चढ़ाई जाती है.


भैरवनाथ भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं और बुरे कर्म
करने वालों को दंड देते हैं. तंत्र विद्या में इनकी पूजा अचूक है.


ध्यान रहे किसी का अहित करने के लिए काल भैरव की पूजा
न करें, वरना इसके परिणाम बुरे होते हैं.