मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी तिथि पर काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी.
इस साल काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 को है.


काल भैरव को शिव जी का अवतार माना गया है लेकिन
फिर भी घर में उनकी पूजा नहीं की जाती है.


दरअसल भैरव भगवान शिव का उग्र रूप हैं, यही वजह है कि
घर के मंदिर में काल भैरव की मूर्ति नहीं रखना चाहिए.


भोलेनाथ को क्रोध स्वरूप से घर में अशांति और
नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ सकता है


काल भैरव की ऊर्जा बहुत तीव्र होती है, इसलिए उनकी मूर्ति
को घर में रखना उचित नहीं माना जाता.


काल भैरव की पूजा खासकर तंत्र कर्म के लिए की जाती है.
इसलिए घर से दूर खुले स्थान पर भैरवनाथ की मूर्ति स्थापित करते हैं.


काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा
कर सकते हैं, इस दौरान भैरवनाथ के मंत्रों का जाप करें.


काल भैरव की पूजा करने के लिए कालाष्टमी पर इमरती, अन्न
धन, वस्त्र का दान दें.