कांवड़ यात्रा सावन में की जाती है. सावन की शुरुआत
22 जुलाई से ही कांवड़ यात्रा का आरंभ हो गया है.


कांवड़िए भोलेनाथ की भक्ति में लीन होकर कांवड़ यात्रा
करते हैं और कंधे पर कांवड़ टांगकर पैदल यात्रा करते हैं.


कांवड़ यात्रा में कांवड़ में जल भरकर लाते हैं और फिर
सावन शिवरात्रि पर महादेव का जलाभिषेक किया जाता है.


सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को है. इस दिन
कांवड़ जल चढ़ेगा.


सावन शिवरात्रि पर कांवड़िए जलाभिषेक करते हैं. मान्यता
है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है.


कांवड़ यात्रा के दौरान बोल बम बम का नारा लगाते हुए
कांवड़िए मीलों पैदल चलकर हरिद्वार जाते हैं.


मान्यता है कि बोल बम नारा लगाने से यात्रा कष्टमय नहीं होती.



बोलबम सिद्ध मंत्र है. इसे बोलने से श्रद्धालु के शरीर में एक नई
ऊर्जा का संचार होता है