हिंदू धर्म में करवाचौथ के व्रत का बहुत महत्व है.



इस व्रत को रखने से पहले सरगी खाई जाती है.



सरगी सास अपनी बहू को देती है.



सरगी एक थाली होती है जिसमें करवाचौथ व्रत का सामान होता है.



सरगी में सात चीजें होती है जिसे खाकर करवाचौथ व्रत की शुरुआत की जाती है.



साथ ही सुहाग का सामान, फल, मिठाई आदि भी शामिल किए जाते हैं.



करवाचौथ व्रत में सरगी सुबह के सूर्योदय से पहले खाई जाती है.



यह व्रत कठिन होता है जिसे रात में चंद्रमा निकले के बाद खोला जाता है.



सरगी के सामान को चीजें होती हैं वो पौषिटक और आसानी से पचाने वाली होती हैं.



सरगी को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4-5 के बीच में खाया जाता है.