समाज में स्त्री-पुरुष के अलावा थर्ड जेंडर है, जिसे किन्नर कहते हैं. इनकी गिनती ना ही नर में होती है और ना नारी में. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर किन्नरों की उत्पत्ति कैसे हुई. ब्रह्मा के निवेदन पर शिव अर्द्धनारीश्वर रूप में प्रकट हुए. इस रूप में भगवान न तो पूर्ण रूप से पुरुष थे और न स्त्री. शिव के अर्द्धनारीश्वर रूप से ही किन्नर की भी परिकल्पना हुई. किन्नरों को सृष्टि में लाने वाले भगवान शिव भी माने जाते हैं. किन्नरों के चार वर्ग बुचरा, नीलिमास, मनसा और हंसा हैं. किन्नर समुदाय के 7 घराने हैं और हर घराने के प्रधान को नायक कहते हैं. महाभारत के शिखंडी को भी इसी समाज का प्रतिनिधित्व माना जाता है.