राहु किस देवता से डरता है?



देवताओं की पंक्ति में बैठकर राहु ने चोरी से अमृत पी लिया था



जिस कारण विष्णु भगवान ने चक्र से उसका सिर काट लिया था



लेकिन अमृत के प्रभाव से वो अमर हो गये



उनके मस्तक को राहु और धड़ केतु कहा जाता है



उनकी चोरी की शिकायत सूर्य और चन्द्रमा ने भगवान विष्णु को की थी



राहु सूर्य और चन्द्रमा से बैर रखते हैं



यदि किसी की कुंडली में राहू और केतु गलत स्थान पर हों तो



उसके जीवन में भू-चाल ला देता हैं



ये इतने प्रभावशाली हैं कि ग्रहण भी इनके कारण ही लगता है, लेकिन ये भगवान शिव से डरता है.