देवी योगमाया को मां दुर्गा का दिव्य अवतार माना जाता है. द्वापर युग में कृष्ण से पहले देवी योगमाया का जन्म हुआ था. इसलिए योगमाया को श्रीकृष्ण की बड़ी बहन कहा जाता है. गर्गपुराण के अनुसार योगमाया का जन्म मां यशोदा के गर्भ से हुआ था. गहरी नींद में होने के कारण यशोदा ने योगमाया को नहीं देखा था. वहीं कंस के कारागार में देवकी के गर्भ से कृष्ण का जन्म हुआ. वासुदेव ने यशोदा के पास योगमाया की जगह कृष्ण को रख दिया. और वासुदेव योगमाया को मथुरा कंस के कारागार में लेकर आ गए. कंस ने योगमाया को मारना चाहा तो वह विलुप्त हो गई. विलुप्त होते समय उन्होंने कंस से कहा, तुझे मारने वाला जन्म ले चुका है.