देवी सीता से विवाह के बाद रामजी बारात लेकर अयोध्या लौट रहे थे. बारात लौटते समय रामजी ने रास्ते में बांसी नदी तट पर विश्राम किया. यहीं उन्होंने शिवलिंग की भी सथापना की और फिर अयोध्या लौटे. इसलिए बांसी नदी के इस तट को रामघाट कहा जाता है. वाल्मिकी रामायण के अनुसार, जनकपुर से अयोध्या लौटते समय रामजी की बारात जहां रुकी थी, वह जनकपुर और अयोध्या के मध्य था. बांसी नदी का यह तट भी जनकपुर और अयोध्या में मध्य में है. यूपी-बिहार की सीमा कुशीनगर में स्थित बांसी नदी का धार्मिक महत्व है.