कुंभ मेला सनातन धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है. कुंभ के दौरान साधु-संत और श्रद्धालु पवित्र नदियों पर स्नान करते हैं. महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में प्रयागराज में होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंभ मेला क्यों लगता है. कुंभ के आयोजन को लेकर पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को दैत्यों से बचाकर जब इंद्रपुत्र जयन्त आकाश में लेकर उड़ गया तो अमृत की कुछ बूंदे पृथ्वी के चार स्थान प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरी. जिसके बाद इन स्थानों के नदियों के जल को अमृत समान माना जाता है. इसलिए कुंभ मेला का अर्थ है ‘अमृत्व का मेला’. कुंभ मेले का उद्देश्य है लोगों को आत्म शुद्धि का अवसर प्रदान करना.