17 रमजान 624 ईं. को इस्लाम की पहली जंग लड़ी गई
थी. जो जंगे बद्र के नाम से जानी जाती है.


इस दौर में पैगम्बर साहब अल्लाह की इबादत करने
के लिए लोगों को प्रेरित करते थे.


इस्लाम की पहली जंग में पैगम्बरे इस्लाम के साथ उनके
सिर्फ 313 साथी शामिल थे


जिन्होंने मक्के के कुरैश कबिले के 1 हजार योद्धाओं के
साथ जंग लड़ी.


पैगंबर मोहम्मद के 313 लोगों की सेना के पास बहुत कम
हथियार थे. वहीं विरोधी हथियारों से लेस थे.


बद्र के युद्ध में 313 मुसलमानों ने अपने से तीन गुना
बड़ी फौज को शिकस्त दी थी.


इन 313 की फौज को मसीहा के रूप में जाना जाता है.



इसलिए कहा जाता है मुसलमान 313 की संख्या को
खास मानते हैं.