हर धर्म की अपनी-अपनी मान्यताएं और देवी-देवता होते हैं.

इसी तरह ईरान के प्राचीन धर्म पारसी से भी इतिहास, परंपरा और मान्यताएं जुड़ी हैं.

इस धर्म की स्थापना फारस में पुजारी फारस जरथुस्त्र द्वारा छठी शताब्दी पूर्व मानी जाती है.

पारसी धर्म के लोग अहुरा मज़्दा को सर्वोच्च देवता मानते हैं. इन्हें होरमज्द भी कहते हैं.

पारसियों के अनुसार, अहुरा मज़्दा देवता ने ही सबकुछ बनाया है.

इसलिए पारसी लोग अहुरा मज़्दा की पूजा करते हैं.

पारसी लोग अग्नि के माध्यम से भी अपने देवता अहुरा मज़्दा की पूजा करते हैं.

पारसियों का धर्मग्रंथ 'जेंद अवेस्ता' है, जिसे अवेस्ता भाषा में लिखा गया है.

जेंद अवेस्ता ऋग्वैदिक संस्कृत की ही एक प्राचीन शाखा है.

पारसी पंथ में सबसे अधिक पहचाना जाने वाला प्रमुख चिह्न फ़रवहर है.