पारसी धर्म की शादियां हिंदू धर्म से अलग होती हैं.

पारसियों के धर्मग्रंथ जेंद अवेस्ता के अनुसार जानते हैं पारसी धर्म में शादियों की परंपरा.

पारसी विवाह को लगान समारोह के रूप में जाना जाता है.

पारसी विवाह का पहला समारोह रुपिया पेरवानु होता है, जोकि सगाई की तरह होता है.

इसमें बाद माधवसरो और अदारनी अनुष्ठान किया जाता है.

सुप्रा नु मूरत हल्दी रस्म की तरह होता है, जिसमें स्त्रियां वर-वधू को हल्दी लगाती है.

इसके बाद नाहन अनुष्ठान होता है, जिसमें स्नान की रस्म होती है.

इसके साथ ही विवाह से पहले अचू मिचू, हाथ डूबकी, आरा अंतर जैसी रस्में होती है.

सभी रस्मों के बाद विवाहित जोड़ा अग्नि मंदिर जाकर भगवान का आशीर्वाद लेते हैं.

क्योंकि पारसी अग्नि के माध्यम से अपने देवता अहुरा मज्दा की पूजा करते हैं.