पितृ पक्ष 18 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक रहेंगे. इस अवधि में
पितर वंशज के घर अनेकों रूप में आते हैं.


कहा जाता है कि अगर पितृ पक्ष में गाय घर के द्वार आए तो उसे
भगाए नहीं, भोजन कराएं या कुछ खिलाकर भेजें.


गाय के रूप में पितरों का घर आना बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं
गाय की सेवा करने पर 7 पीढ़ियां तर जाती हैं.


श्राद्ध पक्ष में घर के बाहर या बालकनी में कौआ आना शुभ होता है.
इसे दाना-भोजन खाने को दें. इससे पितर संतुष्ट हो जाते हैं.


पितृ पक्ष में कुत्तों को भूलकर भी सताएं नहीं, अगर ये घर आएं तो इन्हें
रोटी दें. कहते हैं इससे पूर्वजों की आत्मा प्रसन्न होती है.


घर में चीटियों का आना आम बात है लेकिन पितृ पक्ष में काली चीटियां
घर में दिख जाए तो ये पितरों के आने का संकेत माना जाता है.


चींटियों को खाने के लिए आटा-शक्कर दें. इसके प्रभाव से पितर
परिवार जन से खुश होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीष देते हैं.


दरवाजे में अगर कोई भी गरीब आता है तो उसे भूखे पेट नहीं जाने
देना चाहिए. ये पितर का रूप हो सकते हैं.