पितरों का पखवाड़ा यानी पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से हो चुकी है.

मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति लिए पितृपक्ष में श्राद्ध किए जाते हैं.

आइये जानते हैं पितृपक्ष में नाना-नानी का श्राद्ध किस दिन करना चाहिए.

आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है.

जिनकी मृत्यु किसी भी माह की प्रतिपदा को हुई हो इस दिन उनका श्राद्ध होता है.

वहीं नाना-नानी का श्राद्ध भी पितृपक्ष की प्रतिपदा तिथि को करना चाहिए.

मातृ पक्ष में श्राद्ध के लिए कोई न हो तो, प्रतिपदा तिथि पर नाना-नानी का श्राद्ध करें.

नाना-नानी की पुण्यतिथि पता न हो तो भी प्रतिपदा तिथि पर श्राद्ध कर सकते हैं.

पितृपक्ष में नाना-नानी का श्राद्ध करने से उनका आशीर्वाद प्राप्ता होता है.