पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर 2024 से हो रही है.

पितृपक्ष के 15 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण दिया जाता है.

लेकिन तर्पण की एक खास विधि होती है, उसी अनुसार पितरों का तर्पण करें.

तर्पण करते समय हाथ में जल, कुश, अक्षत और तिल लेकर जल अर्पित करें.

तर्पण करने वाले जातक का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.

देवता के लिए कुश लेकर अक्षत से तर्पण किया जाता है.

इसके बाद जौ और कुश से ऋषियों का तर्पण किया जाता है.

मानव तर्पण जौ और कुश हाथ में लेकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके करें.

वहीं अंत में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों का तर्पण करें.

पितरों का तर्पण हाथ में काले तिल और कुश लेकर करना चाहिए.