पितृ पक्ष पितरों की पूजा, उनके ऋण चुकाने का समय होता है.
इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक हैं.
शास्त्रों में बताया गया है कि पितर नाराज हो जाएं तो परिवार को
कई सालों तक पितृ दोष के अशुभ परिणाम झेलने पड़ते हैं.
कहते हैं कि पितृ दोष आने वाली 7 पीढ़ियों तक परेशान करता है.
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृ पक्ष में पूर्वजों का विधिवत
श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान करना चाहिए.
घर में कोई मांगलिक कार्य नहीं हो रहा हो. रोज नई-नई आफतें
आ रही हों. संतान का न होना, ये सभी पितृ दोष के लक्षण हैं.
पितृ दोष लगने के कई कारण हो सकते हैं जैसे गाय, कुत्ते
या किसी निर्दोष को सताना, पीपल का पेड़ काटना.
पाप कर्म में संलिप्त होना जिससे पूर्वज रूठ जाते हैं, कुल देवी
देवता की पूजा न करें.
पितृ दोष से छुटकारा पाना है तो पूर्वजों के नाम से दान पुण्य
श्राद्ध कर्म करें. पीपल की पूजा करें, गाय-कुत्ते की सेवा करें.