जल्द ही पितृ-पक्ष शुरु होने वाले हैं. साल 2024 में 17 सितंबर से पितृ-पक्ष की शुरुआत हो रही है.



पितृ-पक्ष के दौरान पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण सही विधि से करना आवश्यक है



पितृ-पक्ष के दौरान पितरों को अंगूठे से तर्पण दिया जाता है.



पितरों को जल देने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है.



ऐसी मान्यता है कि हथेली पर अंगूठे वाला हिस्सा पितृ तीर्थ कहलाता है.



इसीलिए अंगूठे से जल चढ़ाया पितृ तीर्थ से होता हुआ पिंडों तक जाता है.



इससे पूर्वजों की आत्मा पूर्ण रूप से तृप्त हो जाती है.



पितरों को जल की कमी नहीं होती.



इसीलिए हाथों में जल, कुशा, अक्षत, पुष्प और काले तिल लेकर दोनों हाथ जोड़कर पितरों का ध्यान करते हुए उन्हें आमंत्रित करें.