जैन धर्म में भी रामायण है जिसे विमलासूरि ने लिखा है, जो बहुत बड़े संत थे.



यह रामायण तुलसीदास जी की राम चरित मानस से अलग बताई गयी है.



इस रामायण के अनुसार रावण का वध भगवान राम ने नहीं बल्कि लक्ष्मण ने किया था.



जैन रामायण में भगवान राम को अहिंसावादी बताया है, उन्होंने वध के लिया हथियार धारण नहीं किए.



इसलिए लक्ष्मण ने रावण का वध किया और इसके बाद लक्ष्मण और रावण दोनों को नरक की प्राप्ति हुई.



इस रामायण में रावण को उदार, विद्वान और जैन धर्म का अनुयायी के रूप मे बताया गया है.



इस रामायण के अनुसार जब लक्ष्मण की मृत्यु हो जाती है तब राम राज-पाठ त्यागकर जैन साधु बन जाते है.



जैन धर्म में राम को आठवां बलभद्र माना गाया है.



जैन रामायण के अनुसार वानरों का समूह एक समूह नहीं है यह एक जुझारू आदिवासी समाज है.