सिख धर्म में लोग एक दूसरे को अभिवादन के रुप में



सत श्री अकाल' कहते हैं,



जिसका अर्थ है 'जो व्यक्ति यह कहेगा कि ईश्वर ही अंतिम सत्य है



उस पर चिकालिक ईश्वर का आशीर्वाद रहेगा'.



इसे सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने दिया था.



'सत' शब्द का अर्थ है 'सत्य' या 'हक' से



'श्री' का अर्थ है ईश्वर



'अकाल' का अर्थ है समय से परे



ईश्वर ही सत्य है और यह कहने वाले पर सदैव भगवान की रहमत बनी रहती है.