शनि देव किसी से नहीं डरते हैं, लेकिन शनि देव से सभी भय खाते हैं



शनि का क्रोध ऐसा है कि किसी को भी राजा से भिखारी बना देते हैं



यही कारण है कि शनि के गुस्से से हर कोई डरता है



शनि की दृष्टि से भी कोई नहीं बच सकता है, फिर देवता, प्रेत और मनुष्य ही क्यों न हों



शनि की दशा को शुभ नहीं माना गया है, साढ़े साती और ढैय्या के दौरान भी अशुभ फल देते हैं



इसलिए कुंडली में जब ये स्थिति हो तो शनि को नाराज नहीं करना चाहिए



शनि देव एक देवता की बहुत कद्र करते हैं. शनि इनके वचन से बंधे हुए हैं



हनुमान जी की शनि ने वचन दिया है कि वे उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे



यही कारण है कि जो लोग हनुमान की पूजा करते हैं, मंगलवार का व्रत रखते हैं



शनि ऐसे लोगों को कतई परेशान नहीं करते हैं, हनुमान भक्तों को शनि अनिष्ट करने से बचते हैं.