न्यायाधीश, कर्मफलदाता और दंडाधिकारी महाराज शनि फिलहाल उल्टी चाल चल रहे हैं.

शनि देव 29 जून 2024 की मध्यरात्रि को अपनी स्वराशि कुंभ राशि में वक्री हुए हैं.

शनि वक्री होकर उल्टी दिशा में चलते हैं. वक्री का अर्थ है विपरीत दिशा या पीछे की ओर बढ़ना.

ज्योतिष के अनुसार शनि वक्री होकर सामान्य से अधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली हो जाते हैं.

बता दें कि शनि कुंभ राशि में वक्री हुए हैं और 15 नवंबर को इसी राशि में मार्गी होंगे.

शनि की वक्री अवधि 139 दिनों की होगी, जिसका देश-दुनिया और राशियों पर प्रभाव पड़ेगा.

शनि वक्री की अवधि में शनि से संबंधित उपाय करने चाहिए.

इस दौरान पीपल वृक्ष में जल चढ़ाकर दीप जलाएं और काली चीजों का दान करें.

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