शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है.
शनि देव हर किसी को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं.
शनि पूजा करने के कुछ खास नियम होते हैं.
इन नियमों का पालन न करने पर शनि देव नाराज हो जाते हैं.
शनि देव की पूजा में धातु का बहुत ध्यान रखना पड़ता है.
इनकी पूजा में तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
तांबे का संबंध सूर्य देव से होता है.
शनि देव की पूजा में लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए.
शनि देव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं.
इसलिए शनि देव की पश्चिम दिशा में मुंह करके करनी चाहिए.
शनि देव की पूजा उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए.
पूजा के समय शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन ही उपाय करें.
उन्हें तिल, गुड़ या खिचड़ी का भोग लगाना अच्छा माना जाता है.
शनि देव को काला रंग पसंद है इसलिए उनकी पूजा,
काले या नीले रंग के कपड़े पहन कर ही करनी चाहिए.
शनि देव को धूप, फूल, फल, और काले तिल अर्पित करें.
उनकी पूजा में लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल न करें.
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