आश्विन पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा, रास पूर्णिमा या कोजागिरी पूर्णिमा कहते हैं.

धार्मिक मान्यता है कि आश्विन पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है.

इन्हीं वजहों से इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत के समान मानी जाती है.

इसलिए लोग इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा के प्रकाश के नीचे रखते हैं.

चंद्रमा के नीचे रखा गया खीर भी आज अमृत के समान हो जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रमा की 16 कलाओं के क्या नाम है.

अमृत, मनदा (विचार), पुष्य (सौंदर्य). पुष्टि (स्वस्थता), तुष्टि (इच्छापूर्ति), ध्रुति (विद्या),

शाशनी (तेज), चंद्रिका (शांति), कांति (कीर्ति), ज्योत्सना (प्रकाश), श्री (धन),

प्रीति (प्रेम), अंगदा (स्थायित्व), पूर्ण (पूर्णता) और पूर्णामुख यानी सुख.