श्रीलंका में हिंदू और बौद्ध धर्म की साझा संस्कृति रही है.



श्रीलंकाई में हिंदू धर्म के शैव मत का प्रचलन रहा है.



हिंदू पौराणिक इतिहास के अनुसार श्रीलंका को शिव जी ने
बसाया था.


शिव जी की आज्ञा से भगवान विश्वकर्मा ने देवी पार्वती के
लिए यहां एक सोने का महल बनवाया था.


ऋषि विश्वा ने शिव से लंकापुरी दान में मांग ली थी. इससे
पार्वती क्रोधित हो उठी.


देवी पार्वती ने ऋषि विश्रवा को श्राप दिया कि ये महल और
उनके कुल का नाश होगा.


इसके अलावा श्रीलंका में शिव के पुत्र कार्तिकेय (मुरुगन)
सबसे लोकप्रियता देवता माने जाता है.


इनकी पूजा न केवल तमिल हिंदू करते हैं बल्कि बौद्ध सिंहली
और आदिवासी भी करते हैं.