सूर्य और शनि देव के बीच पिता-पुत्र का संबंध है.

लेकिन इसके बावजूद दोनों के बीच कट्टर शत्रुता है.

स्कंद पुराण के अनुसार सूर्य का विवाह संज्ञा से हुआ.

लेकिन संज्ञा सूर्य के तेज से काफी विचलित रहती थी.

इसलिए वह अपनी हमशक्ल सर्वणा को बनाकर चली गई.

स्वर्णा छायारूप थी और इसलिए सूर्य का तेज उसपर नहीं पड़ता था.

तब सूर्य और स्वर्णा की तीन संताने तपती, भद्रा और शनि हुए.

शनि का काला रंग देख सूर्य ने संदेह जताया और उसे अपमानित किया.

सूर्य ने कहा यह मेरा पुत्र नहीं हो सकता. यह सुन शनि क्रोधित हो गए.

हालांकि बाद में सूर्य देव ने शनि और स्वर्णा से माफी भी मांगी.

लेकिन पिता-पुत्र के बीच खराब हुआ संबंध फिर कभी नहीं सुधरा.