हिंदू धर्म में ग्रहण सूतक काल का बड़ा महत्व है. सूर्य ग्रहण के समय सूतक काल 12 घंटे पहले लगता है. वहीं चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल 9 घंटे पहले लगता है. ग्रहण के दौरान प्रकृति गंभीर अवस्था में आ जाती है, ऐसे में अनहोनी होने की आशंका रहती है. और इस समय कुछ कार्यों को लेकर सावधानी रखनी चाहिए. ठीक इस समय को सूतक काल कहते हैं आइए जानें इस दौरान कौन से कार्य नहीं करने चाहिए. मान्यता के अनुसार सूतक काल में पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए. सूतक काल में भोजन पकाना वर्जित माना जाता है. और सूतक काल में गर्वती महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए. खाने-पीने की चीजों को अशुद्ध होने से बचाने के लिए उसमें तुलसी पत्ता डाल दें. सिलाई-बुनाई का कार्य इस समय करना अच्छा नहीं माना जाता है. साथ ही सूतक काल में कोई नया कार्य करने से बचना चाहिए. ग्रहण को भूलकर भी कभी नंगी अंखों से नहीं देखना चाहिए.