महाकुंभ के महापर्व का शुभारंभ हो चुका है.



साल 2025 में 14 जनवरी को पहला अमृत स्नान हुआ है.



निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि का बयान सामने आया है.



अमृत स्नान करके संत महात्माओं को जो अनुभूति होती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.



संत महात्मा और श्रद्धालु सभी एक साथ होकर अमृत स्नान करते हैं.



महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लोगों से अपील की वह गंगा में प्रदूषण ना फैलाएं



महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लोगों से पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सहयोग देने की बात कही है.



यह महाकुंभ सामाजिक समरसता का भी संदेश है.



दुनिया भर के लोग सनातनी वैभव से प्रभावित हो रहे हैं.



महाकुंभ भारत के आध्यात्मिक वैभव को दिखाता है.