स्वास्तिक को कल्याण करने वाला माना जाता है.



स्वास्तिक को 'साथिया' या 'सतिया' के नाम से भी जाना जाता है.



स्वास्तिक को हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म का पवित्र प्रतीक माना जाता है.



स्वास्तिक का संबंध भगवान गणेश से है.



स्वास्तिक में बायां हिस्सा गणेश जी का स्थान माना जाता है, क्योंकि यहां 'गं' बीजमंत्र होता है.



स्वास्तिक में समबाहु कटान होता है जिसमें चार भुजाएं 90 डिग्री पर मुड़े होते हैं.



स्वास्तिक को किसी भी शुभ काम की शुरुआत में बनाया जाता है.



उसी तरह किसी शुभ काम की शुरुआत या किसी भी पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है.



भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है.



मान्यता है कि जिस जगह पर स्वास्तिक बनाया जाता है, वहां भगवान गणेश का वास होता है और वहां सभी काम बिना किसी बाधा के होते हैं.