आज कल की Gen Z जनरेशन के जो लोग हमेशा ही अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण खो देते हैं.



आज उनके लिए कुछ खास बातें, आइए इस बात को जानते हैं
गीता के इस श्लोक से.


श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥



इस श्लोक का अर्थ है: भगवान पर श्रद्धा रखने वाले मनुष्य



और अपनी इन्द्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्य



साधन संपन्न बनते हैं और अपने परिश्रम से ज्ञान अर्जित करते हैं.



जिससे उन लोगों को जल्द ही परम-शान्ति की प्राप्त होती हैं.



गीता के इस श्लोक से आपको समझना चाहिए कि किस प्रकार



हम खुदकी इंद्रियों पर नियंत्रण कर अपने जीवन को संभाल सकते हैं.