महाकुंभ की शोभा बढ़ाने वाले नागा साधु का जीवन
बेहद कठिन और अनोखा होता है.


नागा साधु 24 घंटे में सिर्फ एक बार ही खाना खा सकते हैं.



वो भोजन भी भिक्षा मांग कर लिया गया होता है.



नागा साधु भोजन में कंदमूल, जड़ी-बूटी, फूल-फल
और पत्तियां खाते हैं.


कहा जाता है एक नागा साधु को अधिक से अधिक
सात घरों से भिक्षा लेने का अधिकार है.


कठिन जीवन जीने वाले नागा साधु केवल जमीन पर ही
सोते हैं.


इस साल महाकुंभ 13 जनवरी 2024 को शुरू हो रहा है.



बहुत से संन्यासी वस्त्र धारण कर और कुछ निर्वस्त्र
भी गुप्त स्थान पर रहकर तपस्या करते हैं.