भारतीय संविधान को बनाने का श्रेय डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को दिया जाता है. जानते हैं भारत के संविधान में धर्म के बारे में क्या बात कही गई है. भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश कहा गया है. इसका अर्थ है कि भारत सरकार किसी भी धर्म का पक्ष नहीं लेती है. सभी धर्मों का सम्मान करती है. वर्ष 1976 में 42वें संविधान संशोधन के तहत संविधान की प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्द शामिल किया गया था. अनुच्छेद 26 में सभी धर्मों के लोगों को धार्मिक कार्यों को पूर्ण करने की अनुमति दी गई है. अनुच्छेद 27 किसी भी व्यक्ति को ऐसे धर्मिक उद्देश्य का पालन करने को नहीं कहता है जिसे वह स्वीकार नहीं करते हैं. अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता और कानूनों के समान संरक्षण का अधिकार देता है. अनुच्छेद 15 धर्म, जाति, लिंग और जन्म स्थान में आधार पर भेदभाव करने से मना करता है.