दरगाह इस्लाम में सूफी-इस्लामी पवित्र स्थान होता है.



दरगाह किसी प्रतिष्ठित सूफी संत,पीर,वली या दरवेश की कब्र पर बनाया जाता है.



दरगाह में सूफी बैठक और विश्राम गृह बने होते है, जिन्हें खानक़ाह कहा जाता है.



तीर्थ यात्रा के उद्देश्य से मुस्लिम किसी दरगाह की यात्रा करते है तो उस यात्रा को ज़ियारत कहते है.



कुछ मुसलमानों और सूफी का मानना है, दरगाह के द्वारा वे अपने संतो का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.



जबकि अन्य मुसलमानों के लिए दरगाह का महत्व कम है.वह दरगाहों पर केवल संतो को अपना सम्मान पेश करने जाते है.



सबसे पुरानी दरगाह हज़रत निज़ामुद्दीन का मकबरा है, जो की दक्षिणी दिल्ली मे स्थित है.



पूरे भारत में केवल 20 प्रसिद्ध दरगाहें है.



अजमेर शरीफ दरगाह उन प्रसिद्ध दरगाहों में से एक है. जो राजस्थान राज्य के अजमेर नगर में स्तिथ है.