भारत में साधु-संतों की विभिन्न परंपराएं और इन सभी का जीवनशैली बहुत रोमांचकारी हैं. अगले साल 2025 में कुंभ का आयोजन हो रहा है. कुंभ मेले की सबसे बड़ी शोभा होते हैं नागा साधु. नाना साधु अखाड़े के आश्रम और मंदिरों में रहते हैं. कुछ तप के लिए हिमालय या ऊंचे पहाड़ों की गुफाओं में जीवन बिताते हैं. नागा साधु के शिव जी के भक्त होते हैं. इनके श्रृंगार में शिव से जुड़ी सामग्री शामिल होती है. नागा संन्यासियों का एक रहस्य इनका श्रृंगार भी है.महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, लेकिन नागा संन्यासी 17 श्रृंगार करते हैं. नागा साधु नित्य क्रिया के बाद हवन, ध्यान, बज्रोली, योग, कपाल क्रिया, नौली क्रिया करते हैं, एक ही समय भोजन करते हैं. नागा शब्द संस्कृत से निकला है. जिसका अर्थ है पर्वत. वहीं नागा का एक अर्थ नग्न रहने से भी. जैसे सैनिक देश के लिए लड़ते हैं नगा सन्यासी धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैँ