Aeroplane चलाते वक्त पायलट को कैसे पता चलता है रास्ता? पायलट को रास्ता पता चलने के लिए कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है HSI यानी होरिजेंटल सिचुएशन इंडिकेटर पायलट को सही रास्ता दिखाने में मदद करता है होरिजेंटल सिचुएशन इंडिकेटर एयरप्लेन चलते वक्त हर जगह की स्थिति, अक्षांश, और देशांतर को नापता है. इसके अलावा डीएमई सिग्नल दूरी निर्धारित करने में मदद करता है. इससे हवाई जहाज का रास्ता तय होता है एयर ट्रैफिक कंट्रोल पायलट को बताता है कि उसे किस दिशा में जाना और नहीं जाना चाहिए जीपीएस सिस्टम की सहायता से जमीन, पहाड़, मकान, रेलवे लाइन को देखकर रास्ता तय किया जाता है जहाज को चलाने के लिए ईंधन के रूप में केरोसिन और नैप्था- केरोसिन के मिश्रण का इस्तेमाल होता है यह डीजल ईंधन की तरह ही होता है, जिसका उपयोग टरबाइन इंजन में भी किया जाता है 1 किलोमीटर की दूरी तय करने पर लगभग 12 से 13 लीटर ईंधन की खपत होती है