British Leyland की जैगुआर को फोर्ड (Ford) ने साल 1989 में खरीदा था.
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उस दौरान JLR की कारें अल्ट्रा प्रीमियम सेगमेंट की गाड़ियां थीं. इस कार की राइवल बेंटले और रोल्स-रॉयस कारों को जाना जाता था.
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90 के दशक में फोर्ड ने केवल JLR ही नहीं खरीदी थी, बल्कि ऑस्टिन मार्टिन और वॉल्वो को भी अपने दायरे में ले लिया था. इन तीनों कंपनियों को फोर्ड ने 6.5 बिलियन डॉलर्स में अपने नाम किया था.
वहीं साल 2000 में फोर्ड ने 2.7 बिलियन डॉलर लैंड रोवर को भी अपना बना लिया. उस समय फोर्ड का सिक्का ऑटो इंडस्ट्री पर चल रहा था.
लेकिन साल 2006 में फोर्ड को काफी बड़ा नुकसान हुआ. कंपनी को यूनाइटेड स्टेटस ऑटो मार्केट में करीब 12.7 बिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा.
साल 2007 में ऑस्टिन मार्टिन बेच दी और इसी साल कंपनी ने जैगुआर लैंड रोवर की नीलामी का ऐलान भी कर दिया.
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इस नीलामी में भारतीय उद्योग के टाइकून रतन टाटा ने बाजी मार ली और 2.3 बिलियन डॉलर में JLR को अपने वेंचर्स में शामिल कर लिया.
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आज इस दौर में टाटा की कारें देश-विदेश में छा रही हैं और रेंज रोवर की पॉपुलेरिटी भी भारत में बढ़ती जा रही है.
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मुंबई में लैंड रोवर रेंज रोवर कार की कीमत 2.84 करोड़ रुपये है. देश के अलग-अलग शहरों में इस कीमत में अंतर देखने को मिल सकता है.