22 जनवरी अयोध्या की प्राण प्रतिष्ठा तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे सभी तैयारियां को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है

15 जनवरी के बाद से ही अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे

इसी क्रम में काशी से मुख्य पुरोहित के साथ-साथ अन्य पूजन सामग्री व भगवान राम का जलाभिषेक करने वाला कलश भी पहुंच रहा है

इसके अलावा अयोध्या स्थित रामलला के जन्म स्थल पर भव्य शंखनाद भी होगा जो काशी के प्राचीन 500 वर्ष पूर्व पौण्ड्रक शंख से संपन्न कराया जाएगा

इसके अलावा अयोध्या स्थित रामलला के जन्म स्थल पर भव्य शंखनाद भी होगा जो काशी के प्राचीन 500 वर्ष पूर्व पौण्ड्रक शंख से संपन्न कराया जाएगा

आचार्य ने बताया कि इस शंख को धर्म कर्म के कार्यों और भगवान के प्रमुख अवसर पर बजाने की विशेष परंपरा है

इससे पहले भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर के लोकार्पण के समय भी दिसंबर 2021 में बजाया गया था

नियमित तौर पर जंगी बाबा आश्रम में रहने वाले आचार्य प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में इसी शंख कों बजाते हैं

इस 500 वर्ष प्राचीन पौण्ड्रक शंख को काशी के सामने घाट स्थित जंगी बाबा आश्रम में रखा गया है

बता दें, प्राचीन शंख का नाम पौण्ड्रक शंख हैं, जिसे धार्मिक कार्य और भगवान के प्रमुख अवसर पर बजाते हैं

बाबा व उनके शिष्य सिद्धार्थ पांडे इस आश्रम में शास्त्र विधि विधान से इस शंख की पूजा होती है और ब्रह्म मुहूर्त में हम इसे बजाते हैं

सिद्धार्थ पांडे ने बताया 22 जनवरी को अयोध्या में जाने के लिए निमंत्रण आया है

उन्होंने कहा हमारी भी इच्छा है कि हम इस प्रमुख अवसर पर पहुंचकर इस प्राचीन शंख से विश्व के आराध्य भगवान राम के लिए शंखनाद करें

इससे पहले इस पौण्ड्रक शंख से काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के समय भी शंखनाद किया गया था