जब आधी रात लाल किले से भागी ये मुगल शहजादी



भारत में 300 साल से ज्यादा मुगलों ने किया राज



बाबर ने रखी थी मुगल साम्राज्य की नींव



बहादुर शाह जफर थे मुगल साम्राज्य के आखिरी शासक



सूफी संत ख्वाजा हसन निज़ामी ने 1857 की घटनाओं पर लिखीं हैं कई किताबें



'बेगमात के आंसू' नामक किताब मुगल परिवार के बचे हुए लोगों से एकत्र की गई कहानियों पर आधारित



हसन ने जफर की सबसे लाडली बेटी कुलसुम जमानी बेगम की दर्दभरी कहानी का भी किया ज्रिक



1857 में जब अंग्रेजों ने लाल किला घेर लिया तो जान बचाकर भागे थे मुगल



मुगल शहजादियों को ढूंढकर उनपर भी अत्याचार कर रहे थे अंग्रेज



जिस डर से कुलसुम जमानी बेगम भी आधी रात को लाल किले से थीं भागी