अकबर मुगल साम्राज्य का तीसरा शासक था

बैरम खां अकबर का विश्वसनीय संरक्षक था

एक हज यात्रा के दौरान बैरम खां की हत्या कर दी गई

अकबर ने बैरम के परिवार को अपने संरक्षण में लेने का निर्णय लिया

उसने बैरम खां की विधवा सलीमा बेगम से विवाह कर लिया

बैरम खां के पुत्र अब्दुल रहीम को अकबर ने शिक्षा दिलवाई

बाद में अकबर ने उसे खान-ऐ-खाना की उपाधि दी

अकबर के दरबार में नौ विद्ववानों को नियुक्त किया गया था

अबदुरहीम अकबर के नौ रत्नों में भी शामिल था

उसने बाबारनामा का फ़ारसी में अनुवाद किया था