बकरीद पर बकरे की कुर्बानी देने की क्या है वजह?



बकरीद यानी ईद-उल-अजहा है इस्लाम धर्म का दूसरा बड़ा त्योहार



इस्लाम धर्म के लोग नमाज पढ़ने के बाद करते हैं कुर्बानी



हजरत इब्राहिम अल्लाह के थे बेहद करीब



मान्यता के मुताबिक, अल्लाह के हुक्म पर हजरत इब्राहिम अपना बेटा कुर्बान करने के लिए हो गए थे तैयार



बेटे की कुर्बानी पर हजरत इब्राहिम ने आंखों पर बांध ली थी पट्टी



जब उन्होंने पट्टी खोलकर देखा तो उनके बेटे थे जिंदा



बेटे की जगह पर कटा हुआ था मेमना



तब से आज तक बकरे और दूसरे जानवरों की दी जाती है कुर्बानी



बकरे के अलावा ऊंट और भैंस की भी दी जाती है कुर्बानी