जिस समय पूरे भारत पर मुगलों का परचम लहरा रहा था

उसी समय महाराष्ट्र की धरती पर मुगलों को शिकस्त देने की रणनीति तैयार हो रही थी

इस रणनीति को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी तानाजी की

जिनका पूरा नाम था तानाजी मालुसरे

पुणे के सिंहगढ़ किला को कोंढाणा का किला भी कहा जाता है

इस किला को फतेह करने के लिए 4 फरवरी 1670 को मुगलों और मराठों के बीच एक युद्ध हुआ

इस युद्ध में शिवाजी की सेना की जीत हुई और किले पर कब्जा कर लिया गया

इस युद्ध के दौरान तानाजी वीरगति को प्राप्त हो गए

उस समय इस किले की सुरक्षा औरंगजेब ने उदयभान राठौर को सौंपी हुई थी

यह किला 2000 साल पुराना है जो समुद्र तल से 700 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है