सारागढ़ी का युद्ध बैटल ऑफ़ सारागढ़ी के नाम से जाना जाता है

यह युद्ध भारतीय इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ था

मात्र 21 सिख सरदारों ने 10,000 अफगानों से युद्ध किया था

यह युद्ध गुलाम भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश सेना के लिए अफगानों से लड़ा था

इस युद्ध में ब्रिटिश भारतीय सेना का नेतृत्व ईशर सिंह ने किया था

सारागढ़ी के इस युद्ध में 21 सिख ने अफगानों के 600 लोगों को मार गिराया

इस लड़ाई में 36वीं रेजिमेंट के सभी 21 सिख शहीद हो गए

21 सिखों ने दुश्मनों को पुरे 1 दिन तक परेशान रखा

युद्ध के बाद उन 21 शहीद सिखों को बहादुरी का सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान किया गया

12 सितम्बर को उन शहीदों के सम्मान में सारागढ़ी दिवस मनाया जाता है