सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का लगाना जरूरी है

इससे जुड़े कई मिथक हैं जो आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं

पहला मिथक यह है कि सनस्क्रीन केवल धूप वाले दिनों में ही जरूरी है

किरणें बादल वाले दिनों में भी आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं

इसलिए रोज़ाना सनस्क्रीन का उपयोग करना जरूरी है

दूसरा मिथक यह है कि एक बार सनस्क्रीन लगाने के बाद यह पूरे दिन के लिए पर्याप्त है

सही सुरक्षा के लिए हर दो घंटे में या तैरने और पसीना बहाने के बाद फिर से इसे लगाना चाहिए

एक और मिथक है कि उच्च एसपीएफ़ वाली सनस्क्रीन कम एसपीएफ़ वाली से बेहतर होती है

हालांकि उच्च एसपीएफ़ सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन 30 या 50 एसपीएफ़ वाली सनस्क्रीन भी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करती है

चौथा मिथक यह है कि गहरे रंग की त्वचा वालों को सनस्क्रीन की आवश्यकता नहीं होती