हजारों साल पहले प्राचीन मिस्र में बीयर की पहली कंपनी खुली थी. तब बीयर ट्रांसपेरेंट बोतल में आती थी. बीयर की बोतल का रंग बदलने के पीछे एक बड़ी वजह है. पहले बीयर की बोतल हरे रंग या फिर भूरे रंग की होती थी. सूर्य की किरणें सफेद बोतल में मौजूद बीयर को खराब कर देती थीं. सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें बीयर में मौजूद एसिड को खराब कर देती थी. भूरे रंग पर सूर्य की किरणों को असर नहीं होता है. इसलिए बीयर की बोतल पर भूरे रंग की परत चढ़ाई गई. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भूरे रंग की बोतल की कमी आ गई. इसलिए बीयर की बोतल को हरे रंग में रंगा गया. हरे रंग की बोतल पर भी सूर्य की किरणों का असर नहीं होता है.