गांव से लेकर कस्बे और शहरों में रबड़ी-जलेबी पसंदीदा मिठाई बन चुकी है रबड़ी-जलेबी का स्वाद अपने आप में लाजलाब है ही. ये माइग्रेन के मरीजों के लिए रामबाण इलाज है आयुर्वेद डॉ. मिहिर खत्री की मानें तो रबड़ी जलेबी का कॉम्बीनेशन कफवर्धक आहार है और सुबह खाली पेट कफवर्धक आहार (रबड़ी-जलेबी) खाने से वात दोष शांत हो जाता है आयुर्वेद के अनुसार, माइग्रेन सिर दर्द जैसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर वात दोष की वजह से होते हैं यही वजह है कि सिरदर्द-माइग्रेन से लेकर अल्जाइमर, बेल स्पेल्सी, सिर की चोट, स्ट्रेस, स्ट्रोक में भी रबड़ी जलेबी बेनिफिशियल है आयुर्वेद डॉ. मिहिर खत्री के मुताबिक, सूर्योदय से पहले का टाइम वात काल कहलाता है 2 से 3 सप्ताह तक लगातार इसी वात काल में रबड़ी जलेबी का सेवन से चमत्कारी फायदे नजर आने लगेंगे हालांकि रबड़ी और जलेबी में शुगर और लैक्टोज की काफी ज्यादा मात्रा होती है इसलिए डायबिटीज और लैक्टोज इनटॉलरेंस के मरीजों को रबड़ी-जलेबी नहीं खानी चाहिए