भरतपुर जिले के उमरेड गांव, बयाना उपखण्ड के खरेरी, बागरैन...

और खान खेड़ा में सैकड़ों वर्षों से पान की खेती की जाती है  

भरतपुर पान की खासियत यह है कि पान चबाते समय ही मुंह में घुल जाता है

राजस्थान में कुछ ही जगहों पर पान की खेती की जाती है

पान के पौधे को मार्च के महीने में रोपा जाता है

जो अक्टूबर या नवंबर तक चलती है

इस दौरान पान की बेल करीब 7 फीट ऊंची हो जाती है

जिसमें करीब 45 पान के पत्ते लगते हैं

भरतपुर के खास पान की विदेशों में काफी डिमांड है

भरतपुर के इस खास पान को पाकिस्तान और अफगानिस्ता को भी भेजे जाते हैं