वास्तु शास्त्र में दूध से जुड़ी कुछ घटनाएं बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. दूध के जरिए कई शुभ-अशुभ संकेत मिलते हैं.

वास्तु में बार-बार उबलते दूध का गिरना अशुभ माना गया है. ऐसा करने पर चंद्र दोष लगता है. जो मानसिक तनाव देता है.

दूध का उबलकर गिरना सामान्य है लेकिन अक्सर ऐसा होना घर में कोई वास्तु दोष की तरफ इशारा है. जिससे सुख-शांति भंग होती है.

अग्नि मंगल और दूध चंद्रमा का कारक है. ये ग्रह एक-दूसरे के विपरीत है. अक्सर दूध के गिरने पर परिवार में क्लेश बढ़ने का संकेत होता है.

दूध के गिरने की लापरवाही मां अन्नपूर्णा का अपमान मानी जाती है.
इससे धन संकट आ सकता है. ऐसे में दूध को लेकर सावधानी बरतें.


दूध उबलते समय गिरने का मतलब घर में किसी का बीमार होने की ओर भी इशारा करता है.

शुभ काम के लिए बाहर जाने पर खौलाता दूध गिर जाए तो इसे अपशगुन माना गया है. इससे कार्य में बाधा आ सकती है.

घर से बाहर जाते समय ऐसी घटना हो तो प्रभू को कुछ मीठा भोग अर्पित करने के बाद ही काम के लिए निकलें, इससे दोष नहीं लगता.