सुशांत सिंह जबरजस्त एक्टर थे लेकिन उनके टैलेंट को तवज्जो नहीं मिली

बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही ब्योमकेश बक्शी और सोनचिरैया

दिया मिर्जा खूबसूरती और टैलेंट दोनो में ही अव्वल हैं

काबिल होने के बाद भी बॉलीवुड ने इन्हें कुछ खास जगह नहीं दी

दशकों तक इंडस्ट्री में रहने के बावजूद पवन मल्होत्रा को अबतक इनका हक नहीं मिला है

हिंदी फिल्मों में आर. माधवन के टैलेंट को नजर अंदाज कर दिया गया

बॉलीवुड ने कभी भी आर.माधवन को वो सम्मान और प्यार नहीं दिया जो उन्हें तमिल इंडस्ट्री से मिला

रितेश देशमुख को ज्यादातर कॉमेडी रोल ही मिला है जबकि ये हर तरह के रोल निभाने में सक्षम हैं

चंद्रचूर सिंह को सालों तक बॉलीवुड ने पर्दे से दूर रखा हाल ही में ये आर्या और कटपुतली में दिखे थे

जावेद जाफरी में कॉमेडी की बहुत अच्छी समझ है लेकिन कम रोल होने से इन्हें बहुत कम देखने को मिलता है

बॉलीवुड ने राहुल बोस के टैलेंट को भी कभी तवज्जो नहीं दी